बीएड माइक्रो टीचिंग डायरी कैसे बनाते है How to create a B.ed.
B.Ed micro teaching lesson plan
दोस्तों अगर आप B.Ed कर रहे हैं तो आपकी माइक्रो टीचिंग होगी और उसके साथ ही आपको micro teaching डायरी तैयार करनी पड़ेगी।
तो आइए जानते हैं B.Ed माइक्रो टीचिंग डायरी बनाते समय क्या करना चाहिए।
तो आइए जानते हैं B.Ed माइक्रो टीचिंग डायरी बनाते समय क्या करना चाहिए।
माइक्रो टीचिंग कार्यक्रम microteaching Program pdf
छात्र अध्यापक/छात्रा अध्यापिकाओ के लिए-
शिक्षण कार्य के लिए कुछ अध्ययन कौशल अनिवार्य होते है।
यथा पाठ को प्रस्तुत करना, विषय वस्तु के विचार के लिए प्रश्नों का निर्माण करना तथा प्रश्नो के उत्खनन और खोजी उपाय करना, सीखने लायक बातों को श्यामपट पर लिखते जाना, प्रस्तुतीकरण की रीतियों मैं परिवर्तन लाते रहना,दृष्टांत और उदाहरण देते हुए शिक्षण बिंदुओं की व्याख्या करना।
हर प्रशिक्षणार्थी हर तरह की भूमिका निभाता है। और शिक्षक के रूप में अपने कौशल अभ्यास में निखार लाता है।
एक कुशलता के अभ्यास के लिए प्रशिक्षणार्थी को दो बार पाठ रचना करनी पड़ती है। एक पाठ का शिक्षण 3 से 7 मिनट तक होता। उसके बाद अपने साथियों से तथा प्राध्यापक से उसे दिशा निर्देश मिलते हैं। तदनुसार उसे अपना पाठ पुनः बनाना पड़ता है। और पुन: शिक्षण करना पड़ता है। ऐसा उसे कुशलता के लिए दो बार करना पड़ता है। इस प्रक्रिया में कमी रहने पर उसे अतिरिक्त अभ्यास करना पड़ सकता है।
यथा पाठ को प्रस्तुत करना, विषय वस्तु के विचार के लिए प्रश्नों का निर्माण करना तथा प्रश्नो के उत्खनन और खोजी उपाय करना, सीखने लायक बातों को श्यामपट पर लिखते जाना, प्रस्तुतीकरण की रीतियों मैं परिवर्तन लाते रहना,दृष्टांत और उदाहरण देते हुए शिक्षण बिंदुओं की व्याख्या करना।
इन कुशलताओं के विकास के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रारंभिक स्तर पर इन कुशलता ओं की अभ्यास का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन परिस्थितियों में होता है। प्रशिक्षणार्थी ही छात्र बनते हैं, शिक्षक बनते हैं और अवलोकन करता बनते हैं।
एक कुशलता के अभ्यास के लिए प्रशिक्षणार्थी को दो बार पाठ रचना करनी पड़ती है। एक पाठ का शिक्षण 3 से 7 मिनट तक होता। उसके बाद अपने साथियों से तथा प्राध्यापक से उसे दिशा निर्देश मिलते हैं। तदनुसार उसे अपना पाठ पुनः बनाना पड़ता है। और पुन: शिक्षण करना पड़ता है। ऐसा उसे कुशलता के लिए दो बार करना पड़ता है। इस प्रक्रिया में कमी रहने पर उसे अतिरिक्त अभ्यास करना पड़ सकता है।
lesson plan for microteaching
शिक्षण कौशल का विकास के लिए निम्नलिखित 5 कुशलता है निर्धारित की गई है।
इनमें से हर एक पर प्रशिक्षणार्थी को कम से कम 2 बार अभ्यास करना पड़ता है। एक अभ्यास में शिक्षण प्रताप पुणे शिक्षण के दो चरण होंगे। lesson plan for microteaching
इस डायरी में उसी परिणाम से कुशलता के घटकों का विवरण मूल्यांकन के मापदंड, प्रथम शिक्षण, प्रतिपुष्टि के बाद पुनः शिक्षण, दितीय शिक्षण , पुनः द्वितीय शिक्षण -इस तरह से डायरी के पृष्ठ निर्धारित है। प्रशिक्षणार्थियों को चाहिए की अपने दोनों शिक्षण विधियों पर एक एक बार अभ्यास करें। यह पाठ को प्रधान है। विषय वस्तु गोण है।
एक कुशलता के लिए For a skill- lesson plan for microteaching
1. शिक्षण विषय प्रथम -
2. शिक्षण विषय द्वितीय-
आयोजन के समय एक अध्यापन समूह में सामान्यत 20 परीक्षार्थी रहेंगे। उनमें अनुकृति का चक्र इसी तरह रहेगा की-
1. 10 प्रशिक्षणार्थी कक्षा के छात्र की भूमिका निभाएंगे।
2. शेष 10 शिक्षक तथा अवलोकन करता की भूमिका निभाएंगे।
3. उस शिक्षक समूह का चक्कर पूरा होने पर भूमिका बदल जाएगी अथार्थ जो शिक्षक समूह था, वह छात्र समूह बनेगा।
इस तरह से हर प्रशिक्षणार्थी हर भूमिका में अभ्यास करेगा।
✓छात्र की भूमिका निभाते समय प्रशिक्षणार्थि
को यह ध्यान रखना चाहिए कि उस समय वह संबंधित कक्षा स्तर के छात्र के अनुसार ही व्यवहार करें।
✓अवलोकन करता प्रशिक्षणार्थियों में से कर्म से एक एक छात्र अध्यापक शिक्षण कार्य करेगा।
2.छात्रों के उत्तरों का उपयोग
3.तारतम्यता
4.मूल पाठ की अग्रसरता
5.सहायक उपकरण व साधन का प्रयोग
6.उपयुक्त अवधि सीमा
7.तकनीकी की उपयोगिता या विधा
8.तत्कालिक घटनाओं से संबद्धता व रूचिपूर्ण
2.प्रकरण से संबंधता
3.स्तर अनुरूप भाषा
4.संसिप्ता
5.पुनरावृति
6.पूरी कक्षा को संबोधन व वितरण
7.उचित गति एवं घिराव
8.प्रश्नों में तारतम्य ता
9.प्रश्नों की पर्याप्तत्ता
2.हाव भाव स्वीकृति
3.समीपता पुनर्बलन
4.सकारात्मक अशब्दीक संकेत
5.सकारात्मक शाब्दिक संकेत
6.अतिरिक्त अर्थ संकेत
7.नकारात्मक शाब्दिक प्रबलन
8.नकारात्मक एशाब्दिक प्रबलन
2.अक्षरों के आकार की समानता
3.वाक्यों में संचिपत्ता एवं सुस्पष्टता
4.व्याकरणिक शुद्धता
5.विषय वस्तु की क्रमबद्ध ता
6.मुख्य बिंदुओं एवं शब्दों का रेखांकन
7.पाठ के साथ साथ चित्रों, रेखा चित्रों का विकास
8.रंगीन चौक का प्रयोग
2.दृष्टांत प्रसांगिक
3.दृष्टांत रोचक
4.छात्रों के उत्तरों से उनके बोध की जानकारी होती थी
5.दृष्टांत में आगमन निगमन विधि प्रयुक्त की थी।
6.दृष्टांतो की संख्या समुचित थी।
7.छात्रों द्वारा दृष्टांत दिए गए थे।
8.छात्रों ने पर्यय सिद्धांतों को समझ लिया था।
प्रस्तावना कौशल lesson plan for microteaching
प्रश्न कौशल lesson plan for microteaching
श्यामपट्ट कोशल lesson plan for microteaching
उदाहरण दृष्टांत कौशल
पुनर्बलन कौशल
शिक्षण कौशल का विकास के लिए निम्नलिखित 5 कुशलता है निर्धारित की गई है।
1.प्रस्तावना
↓
2.प्रश्न रचना
↓
3.व्याख्या
↓
4.उद्दीपन परिवर्तन
↓
5.श्यामपट्ट कार्य
इनमें से हर एक पर प्रशिक्षणार्थी को कम से कम 2 बार अभ्यास करना पड़ता है। एक अभ्यास में शिक्षण प्रताप पुणे शिक्षण के दो चरण होंगे। lesson plan for microteaching
इस डायरी में उसी परिणाम से कुशलता के घटकों का विवरण मूल्यांकन के मापदंड, प्रथम शिक्षण, प्रतिपुष्टि के बाद पुनः शिक्षण, दितीय शिक्षण , पुनः द्वितीय शिक्षण -इस तरह से डायरी के पृष्ठ निर्धारित है। प्रशिक्षणार्थियों को चाहिए की अपने दोनों शिक्षण विधियों पर एक एक बार अभ्यास करें। यह पाठ को प्रधान है। विषय वस्तु गोण है।
एक कुशलता के लिए For a skill- lesson plan for microteaching
1. शिक्षण विषय प्रथम -
पाठ योजना
ᐁ
कक्षा शिक्षण
ᐁ
प्रतिपुष्टि
ᐁ
पुनः योजना
ᐁ
पुनः कक्षा शिक्षण
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पुनः प्रतिपुष्टि
पाठ योजना
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कक्षा शिक्षण
ᐁ
प्रतिपुष्टि
ᐁ
पुनः योजना
ᐁ
पुनः कक्षा शिक्षण
ᐁ
पुनः प्रतिपुष्टि
1. 10 प्रशिक्षणार्थी कक्षा के छात्र की भूमिका निभाएंगे।
2. शेष 10 शिक्षक तथा अवलोकन करता की भूमिका निभाएंगे।
3. उस शिक्षक समूह का चक्कर पूरा होने पर भूमिका बदल जाएगी अथार्थ जो शिक्षक समूह था, वह छात्र समूह बनेगा।
इस तरह से हर प्रशिक्षणार्थी हर भूमिका में अभ्यास करेगा।
✓छात्र की भूमिका निभाते समय प्रशिक्षणार्थि
को यह ध्यान रखना चाहिए कि उस समय वह संबंधित कक्षा स्तर के छात्र के अनुसार ही व्यवहार करें।
✓अवलोकन करता प्रशिक्षणार्थियों में से कर्म से एक एक छात्र अध्यापक शिक्षण कार्य करेगा।
अवलोकन के बिंदु / कौशल के घटक microteaching skills
1. प्रस्तावना कौशल Prelude skill-
1. पूरा ज्ञान का उपयोग2.छात्रों के उत्तरों का उपयोग
3.तारतम्यता
4.मूल पाठ की अग्रसरता
5.सहायक उपकरण व साधन का प्रयोग
6.उपयुक्त अवधि सीमा
7.तकनीकी की उपयोगिता या विधा
8.तत्कालिक घटनाओं से संबद्धता व रूचिपूर्ण
2. प्रश्न कौशल या खोजपूर्ण प्रश्न Question skills
1.व्याकरणिक शुद्धता2.प्रकरण से संबंधता
3.स्तर अनुरूप भाषा
4.संसिप्ता
5.पुनरावृति
6.पूरी कक्षा को संबोधन व वितरण
7.उचित गति एवं घिराव
8.प्रश्नों में तारतम्य ता
9.प्रश्नों की पर्याप्तत्ता
3. पुनर्बलन कौशल Reinforcement skills-
1.मौखिक स्वीकृति2.हाव भाव स्वीकृति
3.समीपता पुनर्बलन
4.सकारात्मक अशब्दीक संकेत
5.सकारात्मक शाब्दिक संकेत
6.अतिरिक्त अर्थ संकेत
7.नकारात्मक शाब्दिक प्रबलन
8.नकारात्मक एशाब्दिक प्रबलन
4. श्यामपट्ट लेखन कौशल Blackboard writing skills
1.अक्षरों की सुडोलता व अस्पष्टता2.अक्षरों के आकार की समानता
3.वाक्यों में संचिपत्ता एवं सुस्पष्टता
4.व्याकरणिक शुद्धता
5.विषय वस्तु की क्रमबद्ध ता
6.मुख्य बिंदुओं एवं शब्दों का रेखांकन
7.पाठ के साथ साथ चित्रों, रेखा चित्रों का विकास
8.रंगीन चौक का प्रयोग
5. उदाहरण सहित दृष्टांत कौशल Example illustration skills
1.दृष्टांत सुगम और सरल2.दृष्टांत प्रसांगिक
3.दृष्टांत रोचक
4.छात्रों के उत्तरों से उनके बोध की जानकारी होती थी
5.दृष्टांत में आगमन निगमन विधि प्रयुक्त की थी।
6.दृष्टांतो की संख्या समुचित थी।
7.छात्रों द्वारा दृष्टांत दिए गए थे।
8.छात्रों ने पर्यय सिद्धांतों को समझ लिया था।
प्रस्तावना कौशल lesson plan for microteaching
प्रश्न कौशल lesson plan for microteaching
श्यामपट्ट कोशल lesson plan for microteaching
उदाहरण दृष्टांत कौशल
पुनर्बलन कौशल
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