एक अच्छी पाठ्य पुस्तक की विशेषता एवं महत्व | Features of a good book,Text book specialties

पाठ्यपुस्तक की विशेषताएं एवं महत्व

Characteristics and Importance of Textbook


एक अच्छी पुस्तक खरीदने से पहले हमे कुछ बातों का पता होना चाहिए। (Features of a good Text book)
क्योंकि एक अच्छी पुस्तक ही आपको सफलता दिलाती है एक अच्छी पुस्तक वही है जिनमे लगभग सभी गुण होते है

एक अच्छी पाठ्य पुस्तक की विशेषता(good Text book specialties) क्या होनी चाहिए इनकी चर्चा आज हम यहाँ करने वाले है।
एक अच्छी बुक में क्या गुण होने चाहिए,अच्छी बुक की विशेषताऐ,Features of a good book,good book specialties

ज्ञान किससे प्राप्त होता है-
ज्ञान क्या है - 

एक अच्छी पाठ्य पुस्तक की विशेषता-

एक अच्छी पाठ्य पुस्तक की विशेषता को निम्न प्रकार से समझ सकतें है .. 

आंतरिक विशेषता

बाहय विशेषता

1.गुणों के आधार पर

2.शैली के आधार पर

3.व्याख्या एवं सामग्री के आधार पर

4.रंगीन चित्रों के आधार पर

5.अभ्यास प्रश्नों के आधार पर

6. विषय सूची के आधार पर

1.आवरण वह मुख्य पृष्ठ के आकर्षण के आधार पर 

2.शीर्षक के आधार पर

3. कागज के उपयोग के आधार पर

 

 पाठ्यपुस्तको की विशेषताऐ-(good book specialties)

एक अच्छी पाठ्य पुस्तक की विशेषता निम्न प्रकार की होनी आवश्यक है –

1.पुस्तक मनोवैज्ञानिक शेली में लिखी होनी चाहिए।
2.पुस्तक का लेखक अनुभवी एवं पारंगत व्यक्ति होना चाहिए।
3.पुस्तक का मूल्य उचित होना चाहिए।
4.पुस्तक में विषय-सूची और अंत में अनुक्रमणिका भी होनी चाहिए।
5.पुस्तक देखने में सुंदर एवं सुग्रहा होनी चाहिए।
6.पुस्तक की छपाई आवश्यक रूप से स्पष्ट होनी चाहिए।
7.पुस्तक में चित्र,रेखाचित्र,ग्राफ,मानचित्र,उदाहरण अधिक एवं बालको के स्तर के अनुसार अनुकूल होनी चाहिए।
8. पुस्तक में चित्र अधिक तथा स्पष्ट और रंगीन होने चाहिए।
9.पाठ्यपुस्तक में पाठ्यक्रम के सभी अंगो का विवेचन भली-भाति किया जाना चाहिए।
10.प्रश्न वैज्ञानिक रूप से सत्य तथा तकनीकी द्रष्टिकोण से शुद्ध होने चाहिए।
11.पुस्तक के अंत में छात्रों को क्रियात्मक कार्यो के लिए सुझाव प्रस्तुत किये गये हो।
12.बुक(Book) की size & shape उपयुक्त होना चाहिए।
13.समय-समय पर आवश्यकतानुसार आवश्यक संशोधन किये जाने चाहिए।
14.पाठ्यपुस्तक आसानी से छात्रों को उपलब्ध होनी चाहिए।
15. पाठ्यपुस्तक में योजना,समवाय,गृहकार्य,कक्षा-कार्य तथा विषय से सम्बन्धी प्रयोगात्मक  कार्य के लिए सुझाव होने चाहिए ।
16.पुस्तक में विधियों तथा छात्रों में पर्याप्त अभ्यास पर बल दिया जाना चाहिए।
17.विभिन्न पाठ “सरल से कठिन“ सिद्धान्त के अनुसार होने चाहिए।
18. पाठ्यपुस्तक कक्षा विशेष के लिए निर्धारित उद्देश्यों के अनुकूल होनी चाहिए।
19. पाठ्यपुस्तक में सामग्री का आयोजन मनोवैज्ञानिक व तार्किक क्रम में होना चाहिए।
20.विषय संबंधी विभिन्न क्रियाओ के लिए संकेत होने चाहिए ।
पाठ्यपुस्तक के महत्व व आवश्यकता-  

पाठ्य-पुस्तकें स्वाध्याय में सहायक होती है।

1.शिक्षकों के मार्गदर्शन हेतु सहायक होती है।
2.शिक्षण प्रयासों को सफल बनाने में सहायक।
3.पुस्तकों की सहायता से छात्र अपने द्वारा अर्जित ज्ञान की जांच स्वयं अभ्यास द्वारा कर सकते हैं।
4.प्राप्त ज्ञान की जांच छात्र स्वयं आवश्यकता अनुसार विषय वस्तु को पढ़कर कर सकते हैं ज्ञान कि समीक्षा में सहायता प्रदान करती है।
5.अध्यापक को अपनी शिक्षण प्रभावशीलता के विकास में सहायता करती है।
पाठ्यपुस्तक विद्यार्थियों के मस्तिष्क में तर्कसंगत ढंग से विचार करने की आदत का विकास करने में सहायक होती है।
6.पाठ्यपुस्तके बालकों में नियमित अध्ययन की आदत का विकास भी करती है।
7.छात्र उदाहरण तथा अभ्यास प्रश्नों के संग्रह हेतु पाठ्य पुस्तक की सहायता लेते हैं।
 

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