Health Chalisa for best health (health tips)
स्वास्थ्य चालीसा के द्वारा अपने स्वास्थ्य को अच्छा बनाइए और सदा स्वस्थ रहिए। यहां पर हमने एक स्वास्थ्य चालीसा बनाई है तथा जिसका अर्थ भी बताया गया है। आप किस प्रकार से अपने जीवन में क्या-क्या करें और क्या ना करें यह सब इस स्वास्थ्य चालीसा में बताया गया है जो आपको एक अच्छी सेहत (good health) प्रदान करेगी।
श्री पर्यावरण सरोज रज निज मनु करो सुधारि।
शुद्ध नीर, जल, भोजन, भवन जो दायक फल चारि।।
जय स्वास्थ्य,ज्ञान गुण सागर, सब की हेल्थ, बने उजागर।
स्वच्छ शरीर, विराज सुवेसा, हमारी काया रहे, स्वस्थ हमेशा।।
गंदा पानी, रोग सतरंगी, स्वच्छ पानी, बना दे चंगी।
छिडके दवा , पानी नहीं ठहरावे, कीट-मच्छर, निकट नहीं आवे।।
शुद्ध पवन, अतुलित बल धामा, प्रकृति पुत्र, अमर तेरा नामा।
जिन हाथ से पौधे लगावे, बांके कांधे, स्वास्थ्य विराजे।।
घनी छाया, महा जग बंदन, ईश सुमन, प्रकृति के नंदन।
निरोग स्वास्थ्य, गुनी अति चातुर,पर्यावरण शुद्ध,बनावे आतुर।।
गंदे हस्त,नख, दस्त लगिया, ORS घोल,पीलावे बसिया।
सूक्ष्म कीट, आंख न दिखावे, विकट रूप मानव,तनु धावा।।
जो लगावे शिशु को टीका नियमित,पिलावे पोलियो की नियमित दवा।
दूर भागे तपेदिक, तान, पोलियो,गलघोटू,कुकर खांसी रोग आदि।।
भीम रूप धरि,रोग बढ़ावे,मानव जीवन,में दुख लावे।
करेे रोकथाम, मानव सुख पावे,बीमारी कभी, पास न आवे।।
स्वास्थ्य पोषण,करे बढाई , करो कभी ना,कुपोषण भाई।
सहस बदन, तुम्हरो जस गावैं, सब जने संतुलित,भोजन पावे।।
रोकथाम करो, मिल सब कोई, भागे रोग निरोग,सब होय।
स्वास्थ्य मंत्र,मानव सब माना, होई सुखी, बहु विधि कल्याणा।।
जो मानव,स्वास्थ्य सुख चाहे, वे पिएं साफ पानी ,युक्त आहार खावे।
स्वच्छ वातावरण, में रहे शरीरा ,नासे रोग हरे ,सब पीरा।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना,पर्यावरण रक्षक,काहू को डरना।
स्वास्थ्य चालीसा का अर्थ-Meaning of Health Chalisa
इस ब्रम्हांड में स्वास्थ्य का ही गुणगान है जिससे सब का स्वास्थ्य उजागर होता है। अच्छे शरीर में ही मस्तिष्क का निवास होता है। सब की काया हमेशा स्वस्थ बनी रहे यही इस चालीसा में बताया गया है।
गंदा पानी अनेक प्रकार की बीमारियां फैलाता है इसलिए शुद्ध पानी का प्रयोग करें जो आपको एक स्वास्थ्य प्रदान करें। अपने आसपास के स्थानों पर दवाइयां छिड़के, जिससे कीट मच्छर आपके पास नहीं आएंगे आप बीमारियों से बच सकेंगे। तथा अपने घरों के आसपास पानी को इकट्ठा ना होने दें।
स्वच्छ हवा में रहे शुद्ध व ताजी हवा आपके स्वास्थ्य को और भी अच्छा बनाती है और आपके तनाव को भी दूर करती है। प्रकृति अमर है तथा इसके आनंद को जाने और जितना हो सके उतना प्रकृति के साथ जुड़े रहे। छोटे-मोटे ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं। आगे चलकर आपको यह सुखी जीवन देंगे जिससे आपको घनी छाया,लकड़ियां ,फल, फूल आदि प्राप्त होंगे।
निरोग शरीर के अनेक गुण होंगे अगर आप पर्यावरण को शुद्ध बनाएंगे। गंदे हाथ ,नाखून से दस्त लग जाते हैं तो आप को आर एस का घोल पिला देना चाहिए।
जो शिशु को नियमित रूप से टीका लगवाते हैं पोलियो की दवा पिलाते हैं उनसे तपेदिक, पोलियो, गलघोटू, कुकर कासी आदि रोग हमेशा दूर ही रहते हैं।
बड़े रोग अक्षर मानव में दुख लाते हैं अथार्त इनकी रोकथाम के लिए अच्छा पोषण जरूरी होता है। अच्छा पोषण करके आपको सुख को पोषण से दूर रहे।
रोगों की रोकथाम सबको मिलकर करनी चाहिए, लोगों को भगाकर आप सब निरोग हो सकते हैं यही सबसे बड़ा स्वास्थ्य मंत्र है। सदा स्वच्छ वातावरण में रहने वाला शरीर कभी रोगों का शिकार नहीं होता है।
जो यह स्वास्थ्य चालीसा नित्य अपनाते है वह हमेशा रोगों से मुक्त रहते हैं।
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